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श्लोक 4.13.14  |
प्रदोषो निशिथो व्युष्ट इति दोषासुतास्त्रय: ।
व्युष्ट: सुतं पुष्करिण्यां सर्वतेजसमादधे ॥ १४ ॥ |
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शब्दार्थ |
प्रदोष:—प्रदोष; निशिथ:—निशिथ; व्युष्ट:—व्युष्ट; इति—इस प्रकार; दोषा—दोषा के; सुता:—पुत्र; त्रय:—तीन; व्युष्ट:— व्युष्ट; सुतम्—पुत्र; पुष्करिण्याम्—पुष्करिणी में; सर्व-तेजसम्—सर्वतेजा (सर्वशक्तिमान) नामक; आदधे—उत्पन्न किया ।. |
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अनुवाद |
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दोषा के तीन पुत्र थे—प्रदोष, निशिथ तथा व्युष्ट। व्युष्ट की पत्नी का नाम पुष्करिणी था, जिसने सर्वतेजा नामक अत्यन्त बलशाली पुत्र को जन्म दिया। |
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