तम्—उसे; विचक्ष्य—देख कर; खलम्—क्रूर; पुत्रम्—पुत्र को; शासनै:—दण्ड द्वारा; विविधै:—विविध प्रकार के; नृप:— राजा; यदा—जब; न—नहीं; शासितुम्—वश में करने के लिए; कल्प:—समर्थ; भृशम्—अत्यधिक; आसीत्—हो गया; सु दुर्मना:—खिन्न ।.
अनुवाद
अपने पुत्र वेन का क्रूर तथा निष्ठुर आचरण देख कर, राजा अंग ने उसे सुधारने के लिए तरह-तरह के दण्ड दिये, किन्तु वह उसे सन्मार्ग में न ला सका। वह इस प्रकार से अत्यधिक खिन्न रहने लगा।
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