वायु:—वायुदेव ने; च—भी; वाल-व्यजने—बालों के बने दो चँवर; धर्म:—धर्मराज ने; कीर्ति-मयीम्—नाम तथा यश को बढ़ानेवाले; स्रजम्—हार; इन्द्र:—स्वर्ग के राजा इन्द्र ने; किरीटम्—मुकुट; उत्कृष्टम्—अत्यन्त मूल्यवान; दण्डम्—राजदण्ड; संयमनम्—संसार पर शासन करने के लिए; यम:—मृत्यु के अधीक्षक ने ।.
अनुवाद
वायु ने बालों से बने दो चामर, धर्म ने यश को बढ़ानेवाला पुष्पहार, स्वर्ग के राजा इन्द्र ने मूल्यवान मुकुट तथा यमराज ने विश्व पर शासन करने के लिए एक राजदण्ड प्रदान किया।
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