तब भगवान् ने सभी प्रचेताओं को आशीर्वाद दिया: हे राजकुमारो, मेरे अनुग्रह से तुम इस संसार की तथा स्वर्ग की सभी सुविधाओं को भोग सकते हो। तुम उन्हें बिना किसी बाधा के पूर्ण समर्थ रहते हुए दस लाख दिव्य वर्षों तक भोग सकते हो।
तात्पर्य
भगवान् ने प्रचेताओं को जितनी लम्बी आयु का आशीर्वाद दिया वह स्वर्गलोक की काल-माप के अनुसार परिगणित होती है। इस पृथ्वी लोक के हमारे छह मास स्वर्गलोक के बारह घंटों के तुल्य है। इस प्रकार तीस दिन बराबर एक मास के और बारह मास एक वर्ष के तुल्य हैं। प्रचेताओं को स्वर्गलोक की इस परिगणना के अनुसार दस लाख वर्षों तक सारी भौतिक सुविधाएँ भोगने का वर प्राप्त हुआ। यद्यपि यह आयु अत्यन्त दीर्घ
है, किन्तु प्रचेताओं को सम्पूर्ण शारीरिक बल से युक्त रहने का वर प्रदान किया गया। यदि कोई इस संसार में अनेक वर्षों तक जीवित रहना चाहता है, तो उसे वृद्धावस्था, अक्षमता तथा अन्य अनेक कष्ट सहने होंगे। किन्तु प्रचेताओं को सम्पूर्ण शारीरिक बल सहित भौतिक भोग भोगने का वर मिला। यह विशेष सुविधा उन्हें इसीलिए दी गई जिससे वे पूरी भक्ति करते रहें। अगले श्लोक में इसकी व्याख्या की गई है।
____________________________
All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥