यह आश्चर्यजनक बात है कि प्रजापति दक्ष, जो समस्त जीवात्माओं का पालनहारा है, अपनी पुत्री सती के प्रति इतना निरादरपूर्ण था कि उस परम साध्वी एवं महान् आत्मा ने उसकी उपेक्षा के कारण अपना शरीर त्याग दिया।
तात्पर्य
यहाँ पर अनात्म्य शब्द महत्त्वपूर्ण है। आत्म्य का अर्थ है, “आत्मा का जीवन” अत: यह शब्द बताता है कि यद्यपि दक्ष जीवित प्रतीत होता था, किन्तु वास्तव में वह मृतक था, अन्यथा वह अपनी निजी पुत्री सती की उपेक्षा क्यों करता? दक्ष का परम कर्तव्य था कि वह समस्त जीवात्माओं के पालन एवं सुविधाओं का ध्यान रखता क्योंकि उसे प्रजापति का पद प्राप्त था। तो फिर उसने अपनी पुत्री की क्योंकर उपेक्षा की, जो इतनी साध्वी थी और अपने पिता से सभी प्रकार का आदर पाने की अधिकारिणी थी? अपने पिता दक्ष की उपेक्षा के कारण सती की मृत्यु ब्रह्माण्ड के सभी बड़े-बड़े देवताओं के लिए आश्चर्यजनक थी।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.