उस विराट श्याम पुरुष ने अपने डरावने दाँत निकाल लिए। अपनी भौंहों के चालन से उसने आकाश भर में तारों को तितर-बितर कर दिया और उन्हें अपने प्रबल भेदक तेज से आच्छादित कर लिया। दक्ष के कुव्यवहार के कारण दक्ष के पिता ब्रह्मा तक इस घोर कोप-प्रदर्शन से नहीं बच सकते थे।
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All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद
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