इस प्रकार अत्यधिक क्रुद्ध होने के कारण शिव ने अपने दाँतों से होठ चबाते हुए तुरन्त अपने सिर की जटाओं से एक लट नोच ली, जो बिजली अथवा अग्नि की भाँति जलने लगी। वे पागल की भाँति हँसते हुए तुरन्त खड़े हो गये और उस लट को पृथ्वी पर पटक दिया।
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All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद
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