दक्ष की पत्नी प्रसूति एवं वहाँ पर एकत्र अन्य स्त्रियों ने अत्यन्त आकुल होकर कहा : यह संकट दक्ष के कारण सती की मृत्यु से उत्पन्न है, क्योंकि निर्दोष सती ने अपनी बहनों के देखते देखते अपना शरीर त्याग दिया है।
तात्पर्य
उदारमना प्रसूति तुरन्त समझ गई कि कठोरहृदय प्रजापति दक्ष के अशुभ कार्य से ही यह संकट आ खड़ा हुआ है। वह इतना क्रूर था कि अपनी सबसे छोटी पुत्री को उसकी बहनों के समक्ष आत्महत्या करते हुए भी रोक नहीं सका। सती की माँ ही समझ सकती थी कि अपने पिता द्वारा अपमानित होने से सती को कितना कष्ट हुआ होगा। सती अन्य सभी बेटियों के साथ ही उपस्थित थी और दक्ष ने जानबूझकर उसे छोडक़र अन्य सभी का भली भाँति सत्कार किया था, क्योंकि वह शिव की पत्नी जो ठहरी। इस विचार से दक्ष की पत्नी को आसन्न संकट का विश्वास हो चुका था और उसे ज्ञात था कि दक्ष को अपने इस जघन्य कार्य के लिए मरने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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