वहाँ पर तरह तरह के मृग पाये जाते हैं, यथा कर्णांत्र, एकपद, अश्वास्य, वृक तथा कस्तूरी मृग। इन मृगों के अतिरिक्त विविध केले के वृक्ष हैं, जो छोटी-छोटी झीलों के तटों को सुशोभित करते हैं।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.