महामुनि मैत्रेय ने विदुर से कहा : हे विदुर, जैसे ही राजा दक्ष ने शुद्धचित्त से यजुर्वेद के मंत्रो के साथ घी की आहुति डाली, वैसे ही भगवान् विष्णु अपने आदि नारायण रूप में वहाँ प्रकट हो गये।
तात्पर्य
भगवान् विष्णु सर्वव्यापी हैं। कोई भी भक्त जो पवित्र मन से विधि-विधान सहित सेवा तथा भक्ति से मंत्रों का उच्चारण करता है; विष्णु का दर्शन कर सकता है। ब्रह्म-संहिता में कहा गया है कि जिस भक्त की आँखों में भगवत्प्रेम का अंजन लगा होता है, वह अपने हृदय में निरन्तर भगवान् का दर्शन कर सकता है। भगवान् श्यामसुन्दर अपने भक्तों पर इतने कृपालु जो हैं।
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All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद
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