श्री-शुक: उवाच—श्रीशुकदेव गोस्वामी बोले; अत: परम्—इसके पश्चात्; प्लक्ष-आदीनाम्—प्लक्षद्वीप तथा अन्य द्वीप; प्रमाण लक्षण-संस्थानत:—आकार-प्रकार, लक्षण तथा स्थिति की दृष्टि से; वर्ष-विभाग:—द्वीप का विभाजन; उपवर्ण्यते—वर्णन किया जा रहा है ।.
अनुवाद
महर्षि शुकदेव गोस्वामी बोले—इसके पश्चात् मैं प्लक्षादि अन्य छ: द्वीपों के आकार प्रकार, लक्षण तथा स्थिति का वर्णन करूँगा।
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All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥