जब तुच्छ लोग सन्त पुरुषों पर झूठे, क्रुद्ध आरोप लगाने के लिए दुर्वचनों का व्यवहार करते हैं, तो निरर्थक वचनों से महापुरुष विचलित नहीं होते। इसी प्रकार श्रीकृष्ण द्वारा सुरक्षित देवताओं के विरुद्ध किये जाने वाले असुरों के सभी प्रयास निष्फल हो रहे थे।
तात्पर्य
बाँग्ला में कहावत है, कि गीध के शाप से गाय नहीं मरती। इसी प्रकार कृष्ण के भक्तों पर आसुरी व्यक्तियों द्वारा लगाये जाने वाले आरोपों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। देवता श्रीकृष्ण के भक्त थे, अत: असुरों के शाप निष्फल रहे।
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