बलि:—महाराज बलि; महा-इन्द्रम्—स्वर्ग का राजा; दशभि:—दस; त्रिभि:—तीन; ऐरावतम्—इन्द्र के वाहन ऐरावत को; शरै:—बाणों से; चतुर्भि:—चार बाणों से; चतुर:—चार; वाहान्—सवारों को; एकेन—एक से; आरोहम्—चालक को; आर्च्छयत्—वार किया ।.
अनुवाद
महाराज बलि ने तब दस बाणों से इन्द्र पर तथा तीन बाणों से इन्द्र के वाहन ऐरावत पर वार किया। उन्होंने चार बाणों से ऐरावत के पाँवों की रक्षा करने वाले चार घुड़सवारों पर आक्रमण किया और एक बाण से उसके चालक पर।
तात्पर्य
वाहान् उन घुड़सवारों का सूचक है, जो हाथी के पैरों की रक्षा कर रहे थे। सैन्य व्यवस्था
के अनुसार सेनापति को ले जाने वाले हाथी के पाँवों की भी रक्षा की जाती थी।
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All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥