शताभ्याम्—दो सौ बाणों से; मातलिम्—मातलि नामक सारथी को; पाक:—पाक नामक राक्षस ने; रथम्—रथ को; स- अवयवम्—सारे साज-सामान सहित; पृथक्—अलग-अलग; सकृत्—एक ही बार में; सन्धान—धनुष पर बाण चढ़ाकर; मोक्षेण—तथा छोडक़र; तत्—ऐसे कार्य को; अद्भुतम्—अद्भुत; अभूत्—हो गया; रणे—युद्धभूमि में ।.
अनुवाद
एक दूसरे असुर पाक ने अपने धनुष पर दो सौ बाण चढ़ाकर और उन्हें एक ही साथ छोडक़र सारे साज-सामान से भरे रथ पर तथा सारथी मातलि पर आक्रमण किया। युद्धभूमि में यह निस्सन्देह एक अद्भुत कार्य था।
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All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥