|
श्लोक |
स्वधामाख्यो हरेरंश: साधयिष्यति तन्मनो: ।
अन्तरं सत्यसहस: सुनृताया: सुतो विभु: ॥ २९ ॥ |
|
शब्दार्थ |
स्वधामा-आख्य:—स्वधामा नामक; हरे: अंश:—भगवान् का अंश अवतार; साधयिष्यति—शासन करेगा; तत्-मनो:—उस मनु के; अन्तरम्—मन्वन्तर; सत्यसहस:—सत्यसहा का; सुनृताया:—सुनृता का; सुत:—पुत्र; विभु:—अत्यन्त शक्तिशाली ।. |
|
अनुवाद |
|
माता सुनृता तथा पिता सत्यसहा से भगवान् का अंशावतार स्वधामा उत्पन्न होगा। वह उस मन्वन्तर में शासन करेगा। |
|
|
____________________________ |