अतएव हे भद्रे! तुम विधि-विधानों का दृढ़ता से पालन करते हुए इस अनुष्ठानिक व्रत को सम्पन्न करो। इस विधि से परम पुरुष तुम पर शीघ्र ही प्रसन्न होंगे और तुम्हारी सारी इच्छाओं को पूरा करेंगे।
इस प्रकार श्रीमद्भागवत के अष्टम स्कंध के अन्तर्गत “पयोव्रत पूजा विधि का पालन करना” नामक सोलहवें अध्याय के भक्तिवेदान्त तात्पर्य पूर्ण हुए।
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