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श्लोक |
अलर्कात्सन्ततिस्तस्मात् सुनीथोऽथ निकेतन: ।
धर्मकेतु: सुतस्तस्मात् सत्यकेतुरजायत ॥ ८ ॥ |
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शब्दार्थ |
अलर्कात्—अलर्क से; सन्तति:—सन्तति; तस्मात्—उससे; सुनीथ:—सुनीथ; अथ—उससे; निकेतन:—निकेतन; धर्मकेतु:— धर्मकेतु; सुत:—पुत्र; तस्मात्—तथा धर्मकेतु से; सत्यकेतु:—सत्यकेतु; अजायत—उत्पन्न हुआ ।. |
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अनुवाद |
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अलर्क से सन्तति नामक पुत्र उत्पन्न हुआ जिसका पुत्र सुनीथ हुआ। सुनीथ का पुत्र निकेतन था। निकेतन का पुत्र धर्मकेतु हुआ और धर्मकेतु का पुत्र सत्यकेतु था। |
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