हिंदी में पढ़े और सुनें
भागवत पुराण  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  »  अध्याय 2: मनु के पुत्रों की वंशावलियाँ  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  9.2.18 
वसो: प्रतीकस्तत्पुत्र ओघवानोघवत्पिता ।
कन्या चौघवती नाम सुदर्शन उवाह ताम् ॥ १८ ॥
 
शब्दार्थ
वसो:—वसु का; प्रतीक:—प्रतीक नामक; तत्-पुत्र:—उसका पुत्र; ओघवान्—ओघवान; ओघवत्-पिता—जो ओघवान का पिता था; कन्या—उसकी कन्या; —भी; ओघवती—ओघवती; नाम—नामक; सुदर्शन:—सुदर्शन ने; उवाह—व्याह किया; ताम्—उस कन्या (ओघवती) से ।.
 
अनुवाद
 
 वसु का पुत्र प्रतीक था और प्रतीक का पुत्र ओघवान हुआ। ओघवान का पुत्र भी ओघवान कहलाया और उसकी पुत्री का नाम ओघवती था। इसका व्याह सुदर्शन के साथ हुआ।
 
 
शेयर करें
       
 
  All glories to Srila Prabhupada. All glories to  वैष्णव भक्त-वृंद
  Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.

 
>  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥