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श्लोक 9.2.18  |
वसो: प्रतीकस्तत्पुत्र ओघवानोघवत्पिता ।
कन्या चौघवती नाम सुदर्शन उवाह ताम् ॥ १८ ॥ |
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शब्दार्थ |
वसो:—वसु का; प्रतीक:—प्रतीक नामक; तत्-पुत्र:—उसका पुत्र; ओघवान्—ओघवान; ओघवत्-पिता—जो ओघवान का पिता था; कन्या—उसकी कन्या; च—भी; ओघवती—ओघवती; नाम—नामक; सुदर्शन:—सुदर्शन ने; उवाह—व्याह किया; ताम्—उस कन्या (ओघवती) से ।. |
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अनुवाद |
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वसु का पुत्र प्रतीक था और प्रतीक का पुत्र ओघवान हुआ। ओघवान का पुत्र भी ओघवान कहलाया और उसकी पुत्री का नाम ओघवती था। इसका व्याह सुदर्शन के साथ हुआ। |
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