श्रीमद् भागवतम
हिंदी में पढ़े और सुनें
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् भगवद गीता
श्रीमद् भागवतम
श्रीचैतन्य चरितामृत
श्रीकृष्ण - लीला पुरुषोत्तम भगवान
वैष्णव भजन
ஸ்ரீமத் பாகவத
संसाधन
AudioBooks
संस्कृत शब्द कोष
वैष्णव कैलेंडर / पंचांग
Download
Contact
भागवत पुराण
»
स्कन्ध 9: मुक्ति
»
अध्याय 23: ययाति के पुत्रों की वंशावली
»
श्लोक 12
श्लोक
9.23.12
विजयस्तस्य सम्भूत्यां ततो धृतिरजायत ।
ततो धृतव्रतस्तस्य सत्कर्माधिरथस्तत: ॥ १२ ॥
शब्दार्थ
विजय:
—विजय;
तस्य
—उसका;
सम्भूत्याम्
—पत्नी के गर्भ से;
तत:
—तत्पश्चात्;
धृति:
—धृति;
अजायत
—उत्पन्न हुआ;
तत:
—उससे (धृति से);
धृतव्रत:
—धृतव्रत;
तस्य
—उसका;
सत्कर्मा
—सत्कर्मा;
अधिरथ:
—अधिरथ;
तत:
—उससे (सत्कर्मा से) ।.
अनुवाद
play_arrowpause
जयद्रथ की पत्नी सम्भूति के गर्भ से विजय उत्पन्न हुआ, विजय से धृति, धृति से धृतिव्रत, धृतिव्रत से सत्कर्मा तथा सत्कर्मा से अधिरथ हुआ।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद
Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.
श्रीमद् भगवद्गीता
श्रीमद् भागवतम
श्रीचैतन्य चरितामृत
श्री वाल्मीकि रामायण
श्री रामचरितमानस
श्री महाभारत
श्रीकृष्ण लीला
श्रील प्रभुपाद लीलमृत
रामायण कथा रूप
वैष्णव भजन
AudioBook
About
Connect Form
Download
Contact
संस्कृत शब्द कोष
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥