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श्लोक |
तस्य पत्नीसहस्राणां दशानां सुमहायशा: ।
दशलक्षसहस्राणि पुत्राणां तास्वजीजनत् ॥ ३२ ॥ |
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शब्दार्थ |
तस्य—शशबिन्दु की; पत्नी—पत्नियाँ; सहस्राणाम्—हजारों में से; दशानाम्—दस; सु-महा-यशा:—अत्यन्त विख्यात; दश—दस; लक्ष—लाख; सहस्राणि—हजार; पुत्राणाम्—पुत्रों का; तासु—उनमें; अजीजनत्—उसने उत्पन्न किया ।. |
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अनुवाद |
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सुप्रसिद्ध शशबिन्दु के दस हजार पत्नियाँ थीं और उनमें से हर एक से एक लाख पुत्र उत्पन्न हुए। इसलिए उसके पुत्रों की संख्या एक अरब थी। |
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