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श्लोक 9.6.20  |
पुरञ्जयस्य पुत्रोऽभूदनेनास्तत्सुत: पृथु: ।
विश्वगन्धिस्ततश्चन्द्रो युवनाश्वस्तु तत्सुत: ॥ २० ॥ |
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शब्दार्थ |
पुरञ्जयस्य—पुरञ्जय का; पुत्र:—पुत्र; अभूत्—हुआ; अनेना:—अनेना नामक; तत्-सुत:—उसका पुत्र; पृथु:—पृथु; विश्वगन्धि:— विश्वगन्धि नामक; तत:—उसका पुत्र; चन्द्र:—चन्द्र; युवनाश्व:—युवनाश्व नामधारी; तु—निस्सन्देह; तत्-सुत:—उसका पुत्र ।. |
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अनुवाद |
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पुरञ्जय का पुत्र अनेना कहलाया। अनेना का पुत्र पृथु था और पृथु का पुत्र विश्वगन्धि। विश्वगन्धि का पुत्र चन्द्र हुआ और चन्द्र का पुत्र युवनाश्व था। |
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