ओह! गम्भीर जल के भीतर तपस्या करने पर भी तथा साधु पुरुषों द्वारा अभ्यास किये जाने वाले सारे विधि-विधानों का पालन करते हुए भी मैंने मात्र मछली के मैथुन-सान्निध्य के कारण अपनी दीर्घकालीन तपस्या का फल हाथों से जाने दिया। हर एक को इस पतन को देखकर इससे सीख लेनी चाहिए।
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