ब्राह्मणी—ब्राह्मण पत्नी; वीक्ष्य—देखकर; दिधिषुम्—गर्भाधान के लिए उद्यत पति को; पुरुष-अदेन—मनुष्यभक्षक (राक्षस) द्वारा; भक्षितम्—खाया जाकर; शोचन्ती—अत्यधिक विलाप करती; आत्मानम्—अपने लिए; उर्वीशम्—राजा को; अशपत्—शाप दे दिया; कुपिता—वृद्धा; सती—सती ने ।.
अनुवाद
जब ब्राह्मण की सती पत्नी ने देखा कि उसका पति, जो गर्भाधान के लिए उद्यत ही था, उस मनुष्यभक्षक द्वारा खा लिया गया तो वह शोक तथा विलाप से अत्यधिक सन्तप्त हो उठी। इस तरह उसने क्रोध में आकर राजा को शाप दे दिया।
____________________________
All glories to saints and sages of the Supreme Lord
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥