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    वेदे रामायणे पुण्ये भारते भरतर्षभ। आदौ चान्ते च मध्ये च हरिः सर्वत्र गीयते॥   हे भरतर्षभ! वेद, रामायण और पवित्र महाभारत - इन सबके आदि, मध्य और अन्त में सर्वत्र श्रीहरि का ही कीर्तन किया गया है। - महाभारत माहात्म्य
 
 
[कुल श्लोक संख्या 100,000]
 
पर्व 1:  आदि पर्व
 
पर्व 2:  सभा पर्व
 
पर्व 3:  वन पर्व
 
पर्व 4:  विराट पर्व
 
पर्व 5:  उद्योग पर्व
 
पर्व 6:  भीष्म पर्व
 
पर्व 7:  द्रोण पर्व
 
पर्व 8:  कर्ण पर्व
 
पर्व 9:  शल्य पर्व
 
पर्व 10:  सौप्तिक पर्व
 
पर्व 11:  स्त्री पर्व
 
पर्व 12:  शान्ति पर्व
 
पर्व 13:  अनुशासन पर्व
 
पर्व 14:  आश्वमेधिक पर्व
 
पर्व 15:  आश्रमवासिक पर्व
 
पर्व 16:  मौसल पर्व
 
पर्व 17:  महाप्रस्थानिक पर्व
 
पर्व 18:  स्वर्गारोहण पर्व
 
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  All glories to Srila Prabhupada. All glories to  वैष्णव भक्त-वृंद
   
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥