|
|
उपपर्व: स्वर्गारोहण पर्व |
अध्याय 1: स्वर्गमें नारद और युधिष्ठिरकी बातचीत |
|
अध्याय 2: देवदूतका युधिष्ठिरको नरकका दर्शन कराना तथा भाइयोंका करुणक्रन्दन सुनकर उनका वहीं रहनेका निश्चय करना |
|
अध्याय 3: इन्द्र और धर्मका युधिष्ठिरको सान्त्वना देना तथा युधिष्ठिरका शरीर त्यागकर दिव्य लोकको जाना |
|
अध्याय 4: युधिष्ठिरका दिव्यलोकमें श्रीकृष्ण, अर्जुन आदिका दर्शन करना |
|
अध्याय 5: भीष्म आदि वीरोंका अपने-अपने मूलस्वरूपमें मिलना और महाभारतका उपसंहार तथा माहात्म्य |
|