जब गौवों तथा ग्वालबालों ने चारों ओर से दावाग्नि को अपने ऊपर आक्रमण करते देखा तो वे बहुत डर गये। अत: वे रक्षा के लिए कृष्ण तथा बलराम के निकट गये जिस तरह मृत्यु भय से विचलित लोग भगवान् की शरण में जाते हैं। उन बालकों ने उन्हें इस प्रकार से सम्बोधित किया।
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All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद
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