हे सर्वशक्तिमान विभो, दो ही दिनों में मैं आपके हाथों चाणूर, मुष्टिक तथा अन्य पहलवानों के साथ साथ कुवलयापीड तथा राजा कंस की भी मृत्यु होते देखूँगा। इसके बाद मैं कालयवन, मुर, नरक तथा शंख असुर को आपके द्वारा मारा जाते देखूँगा। मैं आपको पारिजात पुष्प चुराते और इन्द्र को पराजित करते देखूँगा। तत्पश्चात् अपने पराक्रम से मूल्य चुकाते हुए वीर राजाओं की अनेक कन्याओं के साथ आपको विवाह करते देखूँगा। तब हे ब्रह्माण्डपति, आप द्वारका में राजा नृग का शाप से उद्धार करेंगे और एक अन्य पत्नी के साथ साथ आप अपने लिए स्यमन्तक मणि भी लेंगे। आप ब्राह्मण के मृत पुत्र को अपने दास यमराज के धाम से वापस लायेंगे और उसके बाद आप पौण्ड्रक का वध करेंगे तथा काशी नगरी को जला देंगे और राजसूय यज्ञ के समय दन्तवक्त्र तथा चेदिराज का संहार करेंगे। मैं इन सब वीरतापूर्ण लीलाओं को तो देखूँगा ही, साथ ही द्वारका में अपने वास-काल में आप जो अन्य अनेक लीलाएँ करेंगे उन्हें भी देखूँगा। ये सारी लीलाएँ दिव्य कवियों के गीतों में इस धरा पर गाई जाती हैं।
शेयर करें
All glories to Srila Prabhupada. All glories to वैष्णव भक्त-वृंद
Disclaimer: copyrights reserved to BBT India and BBT Intl.