मैत्रेय ने आगे कहा—उस घंमडी तथा अभिमानी दैत्य ने वरुण के शब्दों की तनिक भी परवाह नहीं की। हे विदुर, उसे नारद से श्रीभगवान् के बारे में पता लगा और वह अत्यन्त वेग से समुद्र की गहराइयों में पहुँच गया।
तात्पर्य
युद्धप्रिय भौतिकतावादी अपने परम बलशाली शत्रु श्रीभगवान् से भी लडऩे में नहीं डरते। वरुण से यह जानकर कि एक ऐसा योद्धा है, जिससे वह सचमुच लड़ सकता है, वह असुर अत्यन्त प्रोत्साहित हुआ। वह श्रीभगवान् को ढ़ूँढऩे के लिए उतावला हो उठा जिससे वह युद्ध कर सके, यद्यपि वरुण ने भविष्यवाणी कर दी थी कि विष्णु से युद्ध करने पर वह कुत्तों, सियारों तथा गीधों का भोजन बन जाएगा। चूँकि आसुरी लोग कम बुद्धिमान होते हैं, अत: वे अजित कहे जाने वाले विष्णु से भी लडऩे के लिए तत्पर हो जाते हैं।
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