तुम पैदल सेना के नायक की तरह हो अत: तुम शीघ्र ही हमें हराने का प्रयत्न करो। तुम अपनी बकवास बन्द कर दो और हमारा वध करके अपने सम्बन्धियों की चिन्ताओं को मिटा दो। कोई भले ही गर्वित हो, किन्तु यदि वह जो अपने दिये गये वचनों (प्रतिज्ञा) को पूरा नहीं कर पाता, सभा में आसन प्राप्त करने का पात्र नहीं है।
तात्पर्य
असुर, भले ही शूरवीर हो और विशाल पैदल सेना का नायक हो, किन्तु पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान् के सामने वह शक्तिहीन रहता है और उसकी मृत्यु अवश्यम्भावी है। अत: भगवान् ने असुर को ललकारा कि भागो नहीं, अपितु मेरा वध करने का अपना वचन पूरा करो।
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