हे देवताओं की माता! मेरे विचार से असुरों के सारे प्रधान अब अजेय हैं क्योंकि वे उन ब्राह्मणों द्वारा सुरक्षित हैं जिन पर भगवान् की सदैव कृपा रहती है। अतएव उनके विरुद्ध बल प्रयोग अब सुख का स्रोत नहीं बन सकता।
तात्पर्य
जब किसी व्यक्ति पर ब्राह्मणों तथा वैष्णवों की कृपा होती है, तो उसे कोई भी नहीं हरा सकता। यहाँ तक कि यदि कोई किसी ब्राह्मण द्वारा रक्षित है, तो भगवान् भी किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करते। कहा गया है—गोब्राह्मणहिताय च। भगवान् सर्वप्रथम गायों तथा ब्राह्मणों को सारे वरदान देने के लिए उन्मुख होते हैं। अतएव यदि किसी पर ब्राह्मण अनुकूल होते हैं, तो न तो भगवान् किसी तरह का हस्तक्षेप करते हैं न ही कोई अन्य व्यक्ति ऐसे पुरुष के सुख में बाधक बन सकता है।
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