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भागवत पुराण  »  स्कन्ध 9: मुक्ति  » 
 
 
 
 
अध्याय 1:  राजा सुद्युम्न का स्त्री बनना
 
अध्याय 2:  मनु के पुत्रों की वंशावलियाँ
 
अध्याय 3:  सुकन्या तथा च्यवन मुनि का विवाह
 
अध्याय 4:  दुर्वासा मुनि द्वारा अम्बरीष महाराज का अपमान
 
अध्याय 5:  दुर्वासा मुनि को जीवन-दान
 
अध्याय 6:  सौभरि मुनि का पतन
 
अध्याय 7:  राजा मान्धाता के वंशज
 
अध्याय 8:  भगवान् कपिलदेव से सगर-पुत्रों की भेंट
 
अध्याय 9:  अंशुमान की वंशावली
 
अध्याय 10:  परम भगवान् रामचन्द्र की लीलाएँ
 
अध्याय 11:  भगवान् रामचन्द्र का विश्व पर राज्य करना
 
अध्याय 12:  भगवान् रामचन्द्र के पुत्र कुश की वंशावली
 
अध्याय 13:  महाराज निमि की वंशावली
 
अध्याय 14:  पुरुरवा का उर्वशी पर मोहित होना
 
अध्याय 15:  भगवान् का योद्धा अवतार, परशुराम
 
अध्याय 16:  भगवान् परशुराम द्वारा विश्व के क्षत्रियों का विनाश
 
अध्याय 17:  पुरूरवा के पुत्रों की वंशावली
 
अध्याय 18:  राजा ययाति को यौवन की पुन:प्राप्ति
 
अध्याय 19:  राजा ययाति को मुक्ति-लाभ
 
अध्याय 20:  पूरु का वंश
 
अध्याय 21:  भरत का वंश
 
अध्याय 22:  अजमीढ के वंशज
 
अध्याय 23:  ययाति के पुत्रों की वंशावली
 
अध्याय 24:  भगवान् श्रीकृष्ण
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
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>  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥