लेखक / वैष्णव सूची |
|
|
|
श्री ब्रह्मा |
भजन 1: श्री ब्रह्म संहिता : ईश्वरः परमः कृष्णः |
भजन 2: गोविन्दमादिपुरुषं : गोविन्दमादिपुरुषं |
|
|
श्रील ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद |
भजन 3: कृष्ण के चरणकमलों में प्रार्थना : कृष्ण तब पुण्य हबे भाइ |
भजन 4: मार्किने भागवत धर्म (अमरीका में भागवत धर्म का प्रचार) : बड़ो कृपा कोइले कृष्ण |
|
|
श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर |
भजन 5: श्री गुरु परंपरा : कृष्ण हइते |
भजन 6: दुष्ट मन |
|
|
श्रील भक्तिविनोद ठाकुर |
भजन 7: अनादि-करम-फले |
भजन 8: आर केन मायाजाले |
भजन 9: आमि यमुना पुलिने |
भजन 10: आसल कथा बोल्ते |
भजन 11: आत्म-निवेदन |
भजन 12: आमार जीवन |
भजन 13: आमि त’ दुर्जन |
भजन 14: आमार बलिते प्रभु |
भजन 15: उदिल अरूण |
भजन 16: एओ त’ एक कलिर चेला |
भजन 17: एमन दुर्मति |
भजन 18: एखोन बुझिनु प्रभु |
भजन 19: ओरे मन, भाल नाहि लागे |
भजन 20: ओहे! वैष्णव ठाकुर दयार सागर |
भजन 21: कबे हबे बोलो |
भजन 22: कृपा कोरो वैष्णव – ठाकुर |
भजन 23: कबे मुइ वैष्णव चिनिब |
भजन 24: केनो हरे कृष्ण नाम |
भजन 25: कबे हबे हेन दशा मोर |
भजन 26: कबे श्री चैतन्य मोरे |
भजन 27: कि जानि कि बले |
भजन 28: कलि कुक्कर-कदन |
भजन 29: कबे गौर-वने |
भजन 30: केशव तुया जगत विचित्र |
भजन 31: गाय गोराचाँद जीवेर तरे |
भजन 32: गुरुदेवे व्रजवने व्रजभुमिवासि जने |
भजन 33: गाय गोरा मधुर स्वरे |
भजन 34: गुरुदेव! बड़ कृपा करि |
भजन 35: गुरुदेव! कृपाबिन्दु दिया |
भजन 36: गुरुदेव! कबे मोर सेइ दिन |
भजन 37: गोपीनाथ घुचाओ संसार |
भजन 38: गोपीनाथ, मम निवेदन |
भजन 39: गोपीनाथ आमार उपाय नाइ |
भजन 40: जय राधा माधव : जय राधा माधव |
भजन 41: श्री गौर आरती (संध्या आरती) : जय जय गोराचाँदेर आरतिक शोभा |
भजन 42: जीव जागो |
भजन 43: श्री युगल आरती : जय जय राधकृष्ण |
भजन 44: तुमि सर्वेश्वरेश्वर |
भजन 45: दुर्लभ मानव जनम |
भजन 46: दयाल निताइ चैतन्य बोले |
भजन 47: नितार्इ नाम हाटे, ओ के जाबिरे भाइ |
भजन 48: नारद मुनि बाजाय विणा |
भजन 49: नदिया-गोद्रुमे |
भजन 50: प्रभु तव पद-युगे |
भजन 51: बोलो हरि बोलो |
भजन 52: बोडो़ सुखेर खबर |
भजन 53: एक-दिन शांतीपुरे |
भजन 54: भज रे भज रे आमार मन |
भजन 55: भोग आरती : भज भकतवत्सल |
भजन 56: गोरा गदाधरेर आरती : भाले गोरागदाधरेरारति |
भजन 57: भुलिया तोमारे |
भजन 58: मन तुमि तीर्थे सदा |
भजन 59: मम मन मंदिरे |
भजन 60: प्रसाद सेवा (प्रसाद ग्रहण हेतु प्रार्थना) : महाप्रसादे गोविन्दे |
भजन 61: मानस-देह-गेह |
भजन 62: यशोमती-नन्दन |
भजन 63: श्री गोद्रुम चन्द्र भजन उपदेश : यदि ते हरिपादसरोजसुधा |
भजन 64: राधा-भजने यदि |
भजन 65: राधा-कुंड-तट |
भजन 66: रमणि-शिरोमणि |
भजन 67: राधा कृष्ण बोल बोल बोलो रे सबाइ |
भजन 68: विभावरी शेष आलोक |
भजन 69: विषय-विमूढ़ आर |
भजन 70: विद्यार विलासे |
भजन 71: शुद्ध-भकत-चरण |
भजन 72: श्री-कृष्ण-चैतन्य प्रभु |
भजन 73: श्रीकृष्णकीर्तने यदि |
भजन 74: सर्वस्व तोमार |
भजन 75: निज कर्म दोष फले |
भजन 76: प्रपञ्चे पडिया, अगति हइय |
भजन 77: हरि बल हरि बल |
भजन 78: हरि हरि कबे मोर ह’बे हेन दिन |
|
|
श्रील नरोत्तमदास ठाकुर |
भजन 79: आरे भाइ! भज मोर गौरांगचरण |
भजन 80: एइ बार करुणा करो |
भजन 81: कि रूपे पाइब सेवा |
भजन 82: कुसुमित वृंदावने, नाचतो शिखिगणे |
भजन 83: गौरांङ्ग बलिते ह’बे |
भजन 84: गौराङ्ग करुणा करो |
भजन 85: गौरांगेर दु’टि पद |
भजन 86: गोरा पहूँ ना भजिया |
भजन 87: जे आनिल प्रेमधन |
भजन 88: जय जय श्रीकृष्णचैतन्य नित्यानन्द |
भजन 89: ठाकुर वैष्णवगण! करि |
भजन 90: ठाकुर वैष्णवपद |
भजन 91: धन मोर नित्यानन्द |
भजन 92: निताइ-पदकमल |
भजन 93: प्राणेश्वर निवेदन |
भजन 94: मोर प्रभु मदन गोपाल! |
भजन 95: राधा कृष्ण प्राण मोर |
भजन 96: राधिका चरण रेणु |
भजन 97: वृन्दावन रम्यस्थान |
भजन 98: श्री गुरु वंदना : श्रीगुरुचरण पद्म केवल भकति-सद्म |
भजन 99: श्रीकृष्णचैतन्य प्रभु |
भजन 100: श्रीरूपमञ्जरी-पद |
भजन 101: शुनियाछि साधु मुखे बले |
भजन 102: नाम संकीर्तन : हरि हरये नमः |
भजन 103: हरि बलब आर हरि बोलबो आर |
भजन 104: हरि हरि! कि मोर |
भजन 105: हरि हरि! आर कि |
भजन 106: हरि हरि! विफले जनम |
भजन 107: हरि हरि! बड शेल |
भजन 108: हरि हरि! कबे मोर हइबे सुदिन |
भजन 109: हरि हरि! कृपा |
भजन 110: हेदे हे नागरवर |
|
|
श्रील विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर |
भजन 111: श्री वृन्दादेवयाष्टकम् : गांगेय चांपेय |
भजन 112: श्री वृन्दावनाष्टकम् : न योगिसद्धर्न |
भजन 113: श्री गुर्वाष्टकम् : संसार दावानल |
|
|
श्रील श्रीनिवास आचार्य |
भजन 114: श्री षड् गोस्वामी अष्टकम् : कृष्णोत्कीर्तन गान नर्तन परौ |
|
|
श्रील वृन्दावन दास ठाकुर |
भजन 115: नाचेरे नाचेरे निताई |
भजन 116: मदनमोहन तनु गौरांग सुंदर |
भजन 117: श्री हरिवासरे हरिकीर्तन विधान |
भजन 118: श्री नित्यानंदाष्टकम् : शरच्चन्द्रभ्रान्तिं |
|
|
श्रील लोचनदास ठाकुर |
भजन 119: अवतार सार |
भजन 120: अक्रोध परमानंद |
भजन 121: के जाबे के जाबे भाइ |
भजन 122: निताई गुणमणि आमार |
भजन 123: परम करुणा |
|
|
श्रील कृष्णदास कविराज गोस्वामी |
भजन 124: श्री कृष्ण चन्द्राष्टकम् : अम्बुदाञ्जनेन्द्रनील |
भजन 125: कृष्ण कृष्ण कृष्ण कृष्ण |
भजन 126: श्री राधिकाष्टकम् : कुंकुमाक्त काञ्चनाब्ज |
|
|
श्रील जीव गोस्वामी |
भजन 127: श्री युगलाष्टकम् : कृष्ण प्रेम मयी राधा |
|
|
श्रील रूप गोस्वामी |
भजन 128: कृष्ण देव भवन्तम् वन्दे |
भजन 129: श्री यमुनाष्टकम् : भ्रातुरन्तकस्य |
भजन 130: श्री राधिकास्तव : राधे! जय जय माधव दयिते |
|
|
श्रील रघुनाथ दास गोस्वामी |
भजन 131: गुरौ गोष्ठे गोष्ठालयिषु |
भजन 132: श्री गोवर्धनवासप्रार्थनादशकम् : निजपतिभुज |
|
|
श्रील सार्वभौम आचार्य |
भजन 133: श्री शचीतनयाष्टकम् : उज्ज्वल-वरण |
भजन 134: श्री शचीसुताष्टकम् : नव गौरवरं |
भजन 135: श्री अद्वैताष्टकम् : हुहँकार गर्जनादि-अहोरात्र |
|
|
श्रील जयदेव गोस्वामी |
भजन 136: श्री दशावतार स्तोत्र : प्रलयपयोधिजले |
भजन 137: श्री मंगल गीतम् : श्रितकमलाकुचमण्डल |
भजन 138: हे गोविन्द हे गोपाल! केशव माधव दीन दयाल |
|
|
श्रील वासुदेव घोष |
भजन 139: गौराङ्ग तुमि मोरे |
भजन 140: जय जय जगन्नाथ |
भजन 141: यदि गौर ना होइतो |
भजन 142: शचीर आंगिनाय नाचे |
|
|
श्रील नरहरि दास |
भजन 143: मन रे! कहना गौर कथा |
|
|
श्री चैतन्य महाप्रभु |
भजन 144: श्री चैतन्य शिक्षाष्टकम् : चेतोदर्पणमार्जनं |
|
|
श्रीपाद शंकराचार्य |
भजन 145: श्री जगन्नाथाष्टकम् : कदाचित कालिन्दितट-विपिन |
भजन 146: श्री गङ्गा स्तोत्रम् : देवि सुरेश्वरि भगवति |
|
|
भगवान शिव |
भजन 147: श्री राधाकृपाकटाक्ष स्तवराज : मुनीन्द्रवृन्दवन्दिते |
|
|
वृंदावन गोपियों द्वारा |
भजन 148: श्री गोपी गीत : जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः |
|
|
श्री वल्लभाचार्य |
भजन 149: श्री मधुराष्टकम् : अधरं मधुरं |
|
|
सत्यव्रता मुनि |
भजन 150: श्री दामोदराष्टकम् : नमामीश्वरं सच्चिदानंदरूपं |
|
|
प्रहलाद महाराज |
भजन 151: श्री नृसिंह कवच स्तोत्रम् : नृसिंहकवचं वक्ष्ये |
|
|
श्रील बिल्वमंगल ठाकुर |
भजन 152: श्री चौराग्रगण्यपुरुषाष्टकम् : व्रजे प्रसिद्धं नवनीतचौरं |
|
|
श्रील कानु रामदास ठाकुर |
भजन 153: दया कर मोरे निताइ |
|
|
श्रील गोविंद दास कविराज |
भजन 154: भज हूँ रे मन |
|
|
श्रील देवकीनन्दन दास |
भजन 155: वृंदावनवासी यत |
|
|
श्रील प्रेमानन्द दास ठाकुर |
भजन 156: ए मन! गौराङ्ग |
|
|
जगन्नाथ दास |
भजन 157: परमानंद हे माधव |
|
|
दुखी दीन कृष्णदास |
भजन 158: जय राधा गिरिवर धारि |
|
|
नीलकण्ठ गोस्वामी |
भजन 159: श्री हरेर नामाष्टकम् (श्री केवलाष्टकम्) : मधुंर मधुरेभ्यो’पि |
|
|
हरि व्यास देवाचार्य |
भजन 160: जय राधे जय राधे राधे |
|
|
मीरा बाई |
भजन 161: अंतर मंदिरे जागो जागो |
|
|
राधा मोहन दास |
भजन 162: श्री गौर गीति : सखे कलय गौरमुदारम |
|
|
राय शेखर |
भजन 163: मधुर मधुर गौर किशोर |
|
|
अज्ञातकृत |
भजन 164: आमार निताई मिले ना |
भजन 165: कृष्ण जिनका नाम है |
भजन 166: वन्दे कृष्ण नन्दकुमार : गोविन्द हरि गोपाल हरि |
भजन 167: जय राधा कृष्ण गीति : जय राधा माधव राधा माधव राधे |
भजन 168: जय राधे जय कृष्ण |
भजन 169: ढुले ढुले गोरा चांद |
भजन 170: दुःखेर सागरे |
भजन 171: श्री व्रजराजसुताष्टकम् : नव नीरद निन्दित |
भजन 172: भज गौराङ्ग कह गौराङ्ग |
भजन 173: श्री तुलसी आरती : नमो नमः तुलसी कृष्णप्रेयसी |
भजन 174: श्री नन्दनन्दनाष्टकम् : सुचारूवक्त्रमण्डलं |
भजन 175: सुंदर बाला |
भजन 176: हरि हे दयाल मोर |
|
|