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वैष्णव भजन  »  जय राधा कृष्ण गीति
 
 
अज्ञातकृत       
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जय राधा-माधव, राधा-माधव राधे
(जयदेवेर प्राण-धन हे)॥1॥
 
 
जय राधा-मदनगोपाल, राधा-मदनगोपाल राधे
(सीतानाथेर प्राण-धन हे)॥2॥
 
 
जय राधा-गोविन्द, राधा-गोविन्द राधे
(रूप गोस्वामीर प्राण-धन हे)॥3॥
 
 
जय राधा-मदनमोहन, राधा-मदनमोहन राधे
(सनातनेर प्राण-धन हे)॥4॥
 
 
जय राधा-गोपीनाथ, राधा-गोपीनाथ राधे
(मधु पंडितेर प्राण-धन हे)॥5॥
 
 
जय राधा-दामोदर, राधा-दामोदर राधे
(जीव गोस्वामीर प्राण-धन हे)॥6॥
 
 
जय राधा-रमण, राधा-रमण राधे
(गोपल भट्‌टेर प्राण-धन हे)॥7॥
 
 
जय राधा-विनोद, राधा-विनोद राधे
(लोकनाथेर प्राण-धन हे)॥8॥
 
 
जय राधा-गोकुलानन्द, राधा-गोकुलानन्द राधे
(विश्वनाथेर प्राण-धन हे)॥9॥
 
 
जय राधा-गिरिधारी, राधा-गिरिधारी राधे
(दास गोस्वामीर प्राण-धन हे)॥10॥
 
 
जय राधा-श्यामसुंदर, राधा-श्यामसुंदर राधे
(श्यामानन्देर प्राण-धन हे)॥11॥
 
 
जय राधा-बाँके-बिहारी, राधा-बाँके-बिहारी राधे
(हरिदासेर प्राण-धन हे)॥12॥
 
 
जय राधा-राधाकान्त, राधा-राधाकान्त राधे
(वक्रेश्वरेर प्राण-धन हे)॥13॥
 
 
जय गांधर्विका-गिरिधारी, गांधर्विका-गिरिधारी राधे
(सरस्वतीर प्राण-धन हे)॥14॥
 
 
(1) राधा और माधव की जय हो, जो जयदेव गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(2) राधा और मदनगोपाल की जय हो, जो श्री अद्वैत आचार्य के प्राण-धन है।
 
 
(3) राधा और गोविन्द की जय हो, जो रूप गोस्वमी के प्राण-धन है।
 
 
(4) राधा और मदनमोहन की जय हो, जो सनातन गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(5) राधा और गोपीनाथ की जय हो, जो मधु पंडित के प्राण-धन है।
 
 
(6) राधा और दामोदर की जय हो, जो जीव गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(7) राधा और रमण की जय हो, जो गोपाल भट्ट गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(8) राधा और विनोद की जय हो, जो लोकनाथ गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(9) राधा और गोकुलानन्द की जय हो, जो विश्वनाथ चक्रवर्ती ठाकुर के प्राण-धन है।
 
 
(10) राधा और गिरिधारी की जय हो, जो रघुनाथ दास गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(11) राधा और श्यामसुंदर की जय हो, जो श्यामनन्द गोस्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(12) राधा और बाँके-बिहारी की जय हो, जो हरिदास स्वामी के प्राण-धन है।
 
 
(13) राधा और राधाकान्त की जय हो, जो वक्रेश्वर पंडित के प्राण-धन है।
 
 
(14) गांधर्विका और गिरिधारी की जय हो, जो भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर के प्राण-धन है।
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
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  All glories to Srila Prabhupada. All glories to  वैष्णव भक्त-वृंद
   
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