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वैष्णव भजन  »  वन्दे कृष्ण नन्दकुमार
 
 
अज्ञातकृत       
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(टेक) गोविन्द हरि गोपाल हरि
गोविन्द हरि गोपाल हरि।
जय जय देव हरि
जय जय देव हरि॥
 
 
वन्दे कृष्ण नन्दकुमार
नन्दकुमार मदनगोपाल
मदन गोपाल मोहन रूप
मोहन रूप नन्दकुमार॥1॥
 
 
जय जय देव हरि
जय जय देव हरि
जय प्रभु दीन दयाल हरि॥2॥
 
 
गोविन्द हरि गोपाल हरि
गोविन्द हरि गोपाल हरि
जय जय देव हरि
जय जय देव हरि॥3॥
 
 
जय राम हरि जय कृष्ण हरि
जय जय सच्चिनन्दन गौर हरि॥4॥
 
 
गोविन्द हरि गोपाल हरि
गोविन्द हरि गोपाल हरि
जय जय देव हरि
जय जय देव हरि॥5॥
 
 
(टेक) गोविन्द हरि और गोपाल हरि की जय हो! परम भगवान्‌ श्रीहरि की जय हो!
 
 
(1) मैं नन्द महाराज के सर्वाकर्षक पुत्र श्रीकृष्ण की वंदना करता हूँ। सभी गोपियों के लिए वे कामदेव के समान हैं और उनका रूप अत्यन्त मनोहारी है।
 
 
(2) सभी पतित जीवों पर दयालु भगवान्‌ की मैं वंदना करता हूँ।
 
 
(3) परम भगवान्‌ श्रीहरि की जय हो! जय हो! गायों को आनन्द देने वाले श्रीगोविन्द की जय हो! गायों का पालन करने वाले श्रीगोपाल की जय हो!
 
 
(4) श्रीराम हरि और श्रीकृष्ण हरि की जय हो! शचीमाता के पुत्र श्रीगौरहरि की जय हो!
 
 
(5) गोविन्द हरि और गोपाल हरि की जय हो! परम भगवान्‌ श्रीहरि की जय हो!
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
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  All glories to Srila Prabhupada. All glories to  वैष्णव भक्त-वृंद
   
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥