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वैष्णव भजन  »  दुःखेर सागरे
 
 
अज्ञातकृत       
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(टेक) दुःखेर सागरे भासियेछि।
उत्तारिये जानि ना॥
 
 
उथाल देऊ आसिछे छुटिया
कि हबे ताहा जानि ना॥1॥
 
 
दीन – दयाल तुमि भगवान
पार कोरो आमाइ शाम्ने तुफान॥2॥
 
 
तुमि जदि प्रभु नाहि कोरो पार
पारेर आशा राखि ना॥3॥
 
 
अर्थ / अनुवाद केवल अंग्रेजी में उपलब्ध है।
 
 
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
 
 
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  All glories to Srila Prabhupada. All glories to  वैष्णव भक्त-वृंद
   
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥