काण्ड 0: श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण माहात्म्य
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अध्याय 1: कलियुगकी स्थिति, कलिकालके मनुष्योंके उद्धारका उपाय, रामायणपाठ, उसकी महिमा, उसके श्रवणके लिये उत्तम काल आदिका वर्णन |
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अध्याय 2: नारद सनत्कुमार-संवाद, सुदास या सोमदत्त नामक ब्राह्मणको राक्षसत्वकी प्राप्ति तथा रामायण-कथा-श्रवणद्वारा उससे उद्धार |
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अध्याय 3: माघमासमें रामायण-श्रवणका फल - राजा सुमति और सत्यवतीके पूर्व जन्मका इतिहास |
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अध्याय 4: चैत्रमासमें रामायणके पठन और श्रवणका माहात्म्य, कलिक नामक व्याध और उत्तङ्क मुनिकी कथा |
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अध्याय 5: रामायणके नवाह श्रवणकी विधि, महिमा तथा फलका वर्णन |
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